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More vigilance will have to be kept in unlock, start from home
स्वास्थ्य

अनलॉक में रखनी होगी ज्यादा सतर्कता, घर से करें शुरुआत

  • परिजन रख रहे हैं ख्याल, सतर्कता के साथ ही बाहर निकलने देते हैं
  • मास्क, शारीरिक दूरी और स्वच्छता ही अभी है संक्रमण से बचाव का हथियार
  • घर से बाहर रहे तो सैनिटाइजर से हाथों को साफ करते रहें
  • अनावश्यक चीजों और हाथ से बार-बार चेहरे को छूने से करें परहेज
    मुंगेर, 04 सितम्बर।

वैश्विक महामारी बन चुके कोविड-19 के संक्रमण पर रोकथाम के लिए जब तक वैक्सीन नहीं आ जाता मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी और स्वच्छता को अचूक हथियार के रूप में माना गया है। अब जबकि देश में अनलॉक का दौर शुरू हो चुका है, लोग कार्यस्थलों पर लौट रहे हैं, कई प्रमुख परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं, ऐसे में लोगों की सजगता और जागरूकता पर भी बल देने की आवश्यकता बढ़ गई है। जिले के स्थानीय निवासी अमन ने बताया कि लोग कब तक घर में बंद रहेंगे, परीक्षाएं कब तक टाली जाएंगी। अब जब जीवन सामान्य रूप ले रहा है तो जरूरी है कि सतर्कता और सुरक्षा के नियमों का बेहतर रूप से पालन करते हुए सभी कार्य को समान रूप से गति प्रदान किया जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सतर्कता और जागरूकता को बल घर से ही मिल सकता है, इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को इस ओर ध्यान देना होगा। हम सभी घर से शुरुआत करेंगे तो अपने साथ समाज को भी सुरक्षित रखेंगे।

समाज में सबको निभानी होगी अपनी जिम्मेदारी:
अमन बताते हैं कि कोविड-19 का दौर हरेक व्यक्ति को कुछ न कुछ सीख अवश्य दे जा रहा है। खासकर कामकाजी व युवा वर्ग को इस दौरान काफी कुछ सीखने को मिला है। संक्रमण के बढ़ते क्रम पर नजर रखते हुए इससे बचाव की चर्चा अब ज्यादा होने लगी है। लोग सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए अब उपचाराधीन की तरफ मदद का हाथ भी बढ़ा रहे है। युवाओं और स्वयं सहायता समूह द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरी लोगों को जागरूक करना है ताकि वे सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए अपने दिनचर्या के कार्यों को अंजाम दें। समाज में हर एक व्यक्ति की एक अलग पहचान और जिम्मेदारी होती है। अगर लोग एक दूसरे का साथ देते हुए और सुरक्षा के मानकों पर चलते हुए चलेंगे तो निश्चय ही संक्रमण काफी हद तक कम किया जा सकता है।

घर-घर में सतर्कता और निगरानी से संक्रमण के प्रसार पर लगाम है संभव:
निखिल लाखमानी बताते हैं कि कोरोना संक्रमण काल में घर के बड़े-बुजुर्गों और माताओं का दायित्व और जिम्मेदारी एक अलग ही रूप में देखी जा रही है। संक्रमण के प्रभाव में आने से परिवार के सदस्यों का बचाव करने के लिए वे सजग रह रहे हैं। घर में स्वच्छता अपनाने के साथ बाहर जाने से पहले ही इनके द्वारा सतर्क कर दिया जा रहा है। सैनिटाइजर लेकर और मास्क पहनकर ही बाहर निकलने दिया जा रहा है। वहीं सख्त निर्देश है कि बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें और इस दौरान शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए काम जल्द खत्म कर घर वापस आ जाएं। वह कहते हैं कि घर-घर में ऐसी सतर्कता और निगरानी रखी जाए तो लोग घर से ही संभल जाएंगे और संक्रमण के प्रसार पर रोकथाम संभव हो सकेगी।

सतर्कता को कभी भी नजरअंदाज ना करें:
कार्यस्थल पर लौटने व अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए लोगों का घर से बाहर निकलना जरूरी है। ऐसे में सभी को विशेष सावधानी और सतर्कता बरतने की जरूरत है। दुकान व बाजार के साथ ही हम अक्सर स्वास्थ्य केंद्र, बैंक, डाकघर, आदि में काम जल्द खत्म करने को लेकर कुछ असावधानियां बरतते हैं, इसका पता हमें उस वक्त नहीं चलता। ऐसे में वहीं सक्रमण के प्रभाव में आने का खतरा रहता है। इसलिए जरूरी है कि जब भी हम काम के लिए घर से बाहर निकले सतर्कता को कभी भी नजरअंदाज नहीं करें।

शारीरिक दूरी और मास्क को अपनाकर संक्रमण के प्रभाव में आने से बचें:
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक डॉक्टर किंशुक पाठक कहते हैं कि कुछ सतर्कता बरतकर हम कोविड-19 के संक्रमण के प्रभाव में आने से स्वयं को बचा सकते हैं। मास्क का सही से इस्तेमाल के साथ ही हमें बार-बार चेहरे को छूने से भी बचना होगा। मास्क की उपयोगिता हम ऐसे समझ सकते हैं कि अगर हमने मास्क पहना है तो यह अच्छी बात है, लेकिन अगर अगले व्यक्ति ने नहीं पहना है तो भी यह खतरनाक हो सकता है। आम फ्लू यानि बदलते मौसम में होने वाले सर्दी-जुकाम के लक्षण और कोरोना संक्रमण के लक्षण एक जैसे देखने को मिले हैं। ऐसे में हम शारीरिक दूरी और मास्क को अपनाकर संक्रमण के प्रभाव में आने से बच सकते हैं।

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