”संदेशखाली प्रकरण के पीछे भाजपा का हाथ, सब अधिकारी की थी प्लानिंग” ; ममता बनर्जी ने लगाया आरोप।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को भाजपा पर राज्य को बदनाम करने के लिए संदेशखाली की घटनाओं को अंजाम देने का आरोप लगाया, जहां तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ यौन शोषण के आरोप सामने आए हैं। टीएमसी ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें दावा किया गया कि यह फुटेज उसके रुख की पुष्टि करता है कि संदेशखाली प्रकरण के पीछे भाजपा का हाथ था।
बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट किया, “मैं लंबे समय से कह रही थी कि भाजपा संदेशखाली घटना को अंजाम देकर बंगाल की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने पोस्ट में कहा, “स्टिंग ऑपरेशन में ‘बांग्ला-बिरोधियों’ का असली चेहरा सामने आया है। उन्होंने मेरी माताओं और बहनों की भावनाओं के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की है। 13 मई को राणाघाट के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि बांग्ला-बिरोधियों को बंगाल से बाहर कर दिया जाए!”
कथित वीडियो में एक व्यक्ति ने दावा किया कि वह गंगाधर कयाल है, जो उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष है, जिसे यह कहते हुए सुना गया कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता “सुवेंदु अधिकारी पूरी साजिश के पीछे हैं।” हालांकि, पीटीआई ने टीएमसी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की है।
कथित वीडियो में स्थानीय भाजपा नेता को यह कहते हुए भी सुना गया कि नंदीग्राम विधायक अधिकारी ने खुद संदेशखली में एक घर में बंदूकें रखी थीं, जिसे बाद में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जब्ती के रूप में दिखाया गया था।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि कथित स्टिंग वीडियो का पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार घोष ने कहा, “यह भाजपा नहीं बल्कि संदेशखाली के आम लोग थे, जिन्होंने स्थानीय टीएमसी नेताओं द्वारा महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया।”
यही सब चलते ममता बनर्जी ने यह भी कहा था कि चौंकाने वाला संदेशखाली स्टिंग दिखाता है कि भाजपा के भीतर कितनी गहरी सड़ांध है। अधिकारी ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई थी और कयाल ने सीबीआई में शिकायत दर्ज कराई थी कि इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करके बनाया गया था।