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Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ चुनाव में रोजगार-स्वरोजगार बना बड़ा मुद्दा, क्या है इसकी हकीकत?

 छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, चुनाव आयोग जल्द ही विधानसभा की तारीखों का ऐलान कर सकता है। राज्य के इस बार के चुनाव में युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ना बड़ा चुनावी मुद्दा है। कांग्रेस और बीजेपी समेत अन्य राजनीतिक पार्टियां युवाओं के रोजगार देने के दावे कर रहे हैं।

राजनीतिक पार्टियों के नौकरी के वादों के बावजूद सभी युवाओं को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार नहीं मिल पा रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो अपडेट टेक्नोलॉजी के साथ युवाओं को जोड़ने की जरूरत है। टेक्नोलॉजी से युवाओं को जोड़ने की दिशा में भूपेश बघेल सरकार काम कर रही है। राज्य सरकार बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देने के साथ उन्हें प्रशिक्षित करवा रही है, मगर प्रशिक्षित आधे युवा ही रोजगार-स्वरोजगार से जुड़ पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री कौशल विकास पर हर साल 84 करोड़ खर्च

मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना से युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार मिल रहा है, लेकिन प्रशिक्षण करके निकल रहे युवा उतनी संख्या में नौकरी नहीं पा रहे हैं, जितनी की जरूरत है। युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के नाम पर 84 करोड़ रुपये हर साल खर्च करती है। प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना चलाई जा रही है। इसमें 706 कोर्स हैं, जिनमें कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है। अभ्यथर्थियों के आवेदन पर निश्शुल्क प्रशिक्षण देने का प्रविधान है।

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