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संस्थागत प्रसव को ही दें प्राथमिकता, अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था

  • कोविड-19 के गाइलाइन का पालन कर कराया जा रहा है सुरक्षित प्रसव
  • सुरक्षा के हर मानकों का रखा जाता है विशेष ख्याल

लखीसराय, 27 अक्टूबर।
शिशु – मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह कटिबद्ध है। इसको लेकर जिला से लेकर पीएचसी स्तर पर तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। ताकि लोगों को प्रसव के दौरान सरकारी स्वास्थ्य सेवा का समुचित लाभ मिल सके। सुरक्षित प्रसव को लेकर पीएचसी स्तर पर समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। जहां समुचित स्वास्थ्य सेवा के साथ सुरक्षित प्रसव कराया जा रहा है। कोरोना काल में भी जिले के सभी अस्पतालों में पूरी सतर्कता के साथ इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं । ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानियाँ नहीं हो और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिले सके।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व जननी सुरक्षा योजना की जानकारी दी जा रही है
इसको लेकर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान व जननी सुरक्षा योजना की जानकारी आशा और आँगनबाड़ी सेविकाओं के माध्यम से चिन्हित गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को दी जा रही है। खासकर लोगों को संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह बात सही नहीं है कि घर पर प्रसव कराना आसान और कम खर्च वाला है। घर पर प्रसव के दौरान आपातकालीन सुविधाएं नहीं रहने से मां और नवजात दोनों की जान का खतरा होता है। साथ ही लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि जननी सुरक्षा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने के लिए प्रसूता को 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलती है। कोरोना से बचाव के लिए अस्पताल में दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क का इस्तेमाल करने, गर्भवती महिलाओं की व्यक्तिगत साफ-सफाई रखने सहित उनके परिजनों को अस्पताल में अनावश्यक भीड़ नहीं लगाने पर भी जोर दिया जा रहा है।

सभी अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था :- जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों, पीएचसी समेत अन्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में सुरक्षित प्रसव के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। प्रसूति विशेषज्ञ व प्रशिक्षित नर्स द्वारा प्रसव कराया जाता है। सदर अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा भी उपलब्ध है। प्रसव के दौरान कोरोना से संबंधित जरूरी गाइडलाइन का भी पालन किया जा रहा है।

  • सूर्यगढ़ा पीएचसी के अधीनस्थ एपीएचसी में भी उपलब्ध है समुचित व्यवस्था : –
    सूर्यगढ़ा पीएचसी के अधीनस्थ एपीएचसी में भी सुरक्षित प्रसव के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। ताकि लोगों को आसानी के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
  • जागरूकता से ही संस्थागत प्रसव संभव : –
    जागरूकता से ही संस्थागत प्रसव संभव है। लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक गाइलाइन दी जा रही है। ताकि संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता मिल सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी मुस्तैदी के साथ काम कर रही है।
  • प्रसव के दौरान अस्पतालों में इन बातों का रखा जाता है ख्याल : –
    प्रसव के दौरान अस्पतालों में प्रसव कराने वाली एएनएम ग्लब्स, मास्क , फेस कवर का उपयोग करती हैं। प्रसव के पूर्व एवं बाद में लेवर वार्ड को सुरक्षा के लिहाज से पूरी तरह सैनिटाइज किया जाता है। इस दौरान गर्भवती को भी स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बचाव को लेकर आवश्यक जानकारियाँ दी जाती हैं ।
  • इन मानकों का करें पालन, कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर : –
  • मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
  • दो गज की शारीरिक – दूरी का हमेशा पालन करें।
  • भीड़ – भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
  • खुद के साथ दूसरों को भी जागरूक करें।

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