भारत G7 का सदस्य भी नहीं लेकिन चौथी बार समिट में शामिल होने पहुंचे PM मोदी, जानते हैं क्यों?
PM Modi in G7 Summit 2023 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान पहुंच चुके हैं। हालांकि भारत इस समूह का हिस्सा नहीं है लेकिन इसके बावजूद भी भारत इसमें शामिल हुआ है। जानिए भारत को इसमें शामिल होने से क्या फायदा है
PM Modi in G7 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो चुके हैं। इस साल जी-7 समिट की अध्यक्षता जापान करेगा। यह जापान के हिरोशिमा में आयोजित किया जा रहा है। हालांकि, भारत जी-7 समूह का हिस्सा नहीं, लेकिन इसके बावजूद भी भारत को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार चौथी बार जी-7 में शामिल होंगे। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आखिर यह संगठन क्या है और कैसे कम करता है, इसका गठन क्यों किया गया। इस लेख से आपको जी-7 समिट के बारे में उठ रहे हर सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
क्या है G-7 समूह?
G-7 कभी जी-6 तो कभी जी-8 भी हुआ करता था। वहीं, वर्तमान में इसे जी-7 यानी ग्रुप ऑफ सेवन कहा जाता है। जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है। इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, इसलिए इसे ग्रुप ऑफ सेवन कहा जाता है।
क्या है जी-7 के सिद्धांत
जी-7 समूह की स्थापना आज से 50 साल पहले 1973 में की गई थी। अक्सर ऐसे कई समूहों का मुख्यालय होता है, लेकिन जी-7 में अनोखी बात यह है कि इसका किसी भी देश में मुख्यालय नहीं है। यह ग्रुप मानवीय मूल्यों की रक्षा, लोकतंत्र की रक्षा, मानवाधिकारों की रक्षा, अंतर्राष्ट्रीय शांति का समर्थक, समृद्धि और सतत विकास के सिद्धांत पर चलता है। इसके साथ ही यह समूह खुद को “कम्यूनिटी ऑफ़ वैल्यूज” का आदर करने वाला समूह मानता है।
जी-7 समूह में शामिल देश बारी-बारी से शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं। जिस देश के पास इसकी मेजबानी होती है, उसे ही इस ग्रुप का अध्यक्ष कहा जाता है। वहीं, इस साल जापान इसकी अध्यक्षता कर रहा है। 1990 में जी-7 देशों की दुनिया के जीडीपी में 50 फीसदी की हिस्सेदारी थी, वहीं अब वह घटकर 31 फीसदी रह गई है। नेटवर्थ में इनका योगदान लगभग 58 फीसदी से ज्यादा है।