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सांसद के चमचो ने पूर्व विधायक को कहा अपशब्द

पूर्व विधायक किशोर कुमार पर व्यक्तिगत आरोप

माननीय सांसद जी की पार्टी, जदयू ज़िला अध्यक्ष, संगठन और उनके खास लोगो द्वारा नव निर्माण मंच के संस्थापक पूर्व विधायक किशोर कुमार पर व्यक्तिगत आरोप, असंसदीय भाषा (गाली गलौज) का प्रयोग किया गया। यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उनका दोष क्या था? उन्होंने सहरसा की जनता की ओर से प्रश्न किया। सांसद व विधायक जी को बताना चाहिए कि आपको 27 व 8 वर्ष प्रतिनिधित्व का मौका मिला। और कितना व्यक्त चाहिए किसी शहर के विकास के लिए। जन दबाव के बाद जब-जब बंगाली बजार ढाला पर ओवरब्रिज निर्माण कार्य प्रक्रिया प्रारंभ हुआ, कौन शक्तिशाली राजनेता ने पिछले 27 वर्ष से रोक रखा है?

सोशल मीडिया के माध्यम से उनपर व्यक्तिगत हमला

प्रश्न का उत्तर देने के बदले सांसद जी अपनी पार्टी तथा खास लोगों के फौज को पिछले 5 दिन से समाचार पत्र, सोशल मीडिया के माध्यम से उनपर व्यक्तिगत हमला करवाया जा रहा है। हास्यास्पद एवं मनगढंत आरोप लगाकर सत्य को दबाया जा रहा है। उनकी पार्टी एवं खास लोगों ने कहा कि 63 साल में जो कोई सांसद विधायक ने कार्य नहीं किया, वह कार्य सांसद जी ने किया। बड़ी रेल लाइन, N.H, S.H, फोर लेन, महासेतु का हवाला देकर उसके निर्माण का श्रेय भी सांसद जी को दिया। उनके दल के लोगों को यह भी याद नहीं रहा जो कार्य उनके दल सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व० शरद यादव जी, मंत्री विजेंद्र यादव जी, नरेंद्र यादव जी, विधायक गुजेश्वर साह जी सहित अन्य माननीय विधायक द्वारा किया गया, वह भी कार्य सांसद जी की ही उपलब्धि बताई गई।

कोसी क्षेत्र देश का सबसे पिछड़ा इलाका है और यह आज भी अपने उद्धार के इंतजार में है। इस क्षेत्र पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गाँधी, अटल बिहारी वाजपेई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी, लालू प्रसाद यादव, बी० पी० मंडल, जगन्नाथ मिश्र, पूर्व केंद्रीय मंत्री ललित नारायण मिश्र, रामविलास पासवान, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह जी तथा बिहार सरकार के पूर्व मंत्री शिवनंदन मंडल, लहटन चौधरी, रमेश झा, चौधरी महबूब सलाउद्दीन, अमरेंद्र मिश्र, शंकर प्रसाद टेकरीवाल, विनायक यादव, अनुपलाल यादव,अशोक कुमार सिंह, रवींद्र चरण यादव, पूर्व सांसद भूपेंद्र नारायण मंडल, सूर्यनारायण यादव, तुलमोहन राम, पूर्व विधायक परमेश्वर कुँवर, सहित अनेक सांसद विधायक के सहयोग एवं प्रयास से समय-समय पर वीरपुर में कोसी पर बराज, पूर्वी-पश्चिमी कोसी तटबंध, N.H 57 का फोरलेन, कोसी महासेतु, रेलमहासेतु, N.H – 106 -107 की स्वीकृति सहित बलुआहा में कोसी पर पुल, विजय घाट पुल, N.H 327 E तथा मधुबनी के भगवती उच्चेट स्थान से महषि तक सड़क, कोसी पर देश का सबसे लंबा पुल बकौर-भेजा सहित विकास कि उनके योजना को स्वीकृत एवं पूरा किया गया।

फिर यह कहना कि कोई कुछ नहीं किया है यह घोर ना इंसाफी होगा। हाँ यह बात सत्य है सांसद जी 63 साल में सबसे ज्यादा समय तक सांसद रहे लेकिन एक ओवरब्रिज नहीं बना सके। सरकार का कार्य है विकास का अनेक योजना का स्वीकृति कर जिला कसवा गांव को रेल, सड़क, पुल से संपर्क जोड़ना । मानसी – सहरसा फारबिसगंज आमान परिवर्तन का कार्य, N.H 106 -107 का स्वीकृति योजना आज भी अधूरा है। बड़ी रेल लाइन योजना सहरसा तब आया जब देश का हर कोना बड़ी रेल लाइन से जुड़ गया।

यह बात भी सत्य है कि 4 बार सांसद और 4 बार विधायक बने लेकिन यह भी सत्य है कि वह जब भी विधायक और सांसद बने तो सिर्फ पार्टी एवं गठबंधन के सहयोग से बने। 1990 मैं प्रथम बार विधायक बने बी० पी० सिंह जी के लहर में और 2019 में सांसद बने N.D.A गठबंधन से। इतने वे लोकप्रिय थे तो लालू प्रसाद यादव जी का 1995 में प्रचंड लहर था तो विधायक का चुनाव क्यों हार गए।

उनके लोगों ने किशोर जी पर आरोप लगाया है कि एक बार अल्पकालीन विधायक बने, वह भी सांसद जी के सहयोग से।यह झूट का प्राकास्टा है।किशोर कुमार जी प्रथम बार विधायक बने फरवरी 2005 में राज्य के कवीना मंत्री को बड़े मतों के अंतर से हराकर, लेकिन सांसद जी जानबूझकर भूल गए कि उस चुनाव में N.D.A समर्थित जदयू उम्मीदवार मात्र 6000 वोट पाकर अपनी जमानत जब्त करवा दिए। बिहार में एनडीए में जदयू उम्मीदवार के तोड़ पर सबसे कम मत लाने वाले उनके प्रत्याशी थे।

17 निर्दलीय विधायक को एकत्रित कर उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन किया

किशोर जी के विरुद्ध N.D.A उम्मीदवार देने के बाद भी लोकप्रिय नेता नीतीश कुमार जी के अनुरोध पर इन्होंने 17 निर्दलीय विधायक को एकत्रित कर उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन किया। राज्यपाल द्वारा जब 14वी विधानसभा को भंग कर दिया गया तो उस फैसले के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में जो 4 विधायक रिट पिटिशन दायर किया तथा सर्वोच्च न्यायालय ने राज्यपाल के फैसला को रद्द कर दिया, उस आवेदक में एक किशोर जी भी थे। पुनः 2005 नवंबर में विधानसभा का चुनाव हुआ जिसमें किशोर कुमार जी दोबारा बड़ा अंतर से निर्दलीय विधायक बने।

उनके लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि 5 साल उन्होंने विकास का कोई कार्य नहीं किया सिर्फ ठेका पट्टा में लगा रहा। सर्वप्रथम किशोर जी का कोई ठेका पट्टा नहीं करते है। उनका जीवन ही विनम्रता, सुचिता, इमानदारी और संघर्ष को समर्पित है। रहा विकास का काम तो कोशी क्षेत्र में सबसे ज्यादा उनके कार्यकाल में पथ निर्माण विभाग की सड़क का अधिग्रहण निर्माण, ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री सड़क योजना, मुख्यमंत्री सेतु-सड़क योजना की स्वीकृति, स्कूल सामुदायिक भवन का निर्माण हुआ जो आज भी रेकॉर्ड है। आज भी वहाँ वे बेहद लोकप्रिय है।

 

किशोर जी सोनबरसा क्षेत्र में कितना लोकप्रिय हैं

किशोर जी सोनबरसा क्षेत्र में कितना लोकप्रिय हैं वह सांसद जी आपको पता है तब ही तो किशोर जी को आपने 2019 लोकसभा चुनाव में अपना प्रस्तावक बनाया तथा चुनाव दौरान आपने उनके क्षमता का पूर्ण उपयोग किया। समर्पित भाव से आपके जीत में उन्होंने अपनी भूमिका का निर्वहन किया और आज प्रश्न के बदले आरोपित करना विश्वास को धोखा है। नव निर्माण मंच की बैठक अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वीरेंद्र राम की अध्यक्षता में हटिया गाछी सहरसा में संपन्न हुई। जिसमें किशोर जी पर लगाए गए आरोप पर गुस्सा जाहिर की गई।

बैठक में विजेंद्र यादव, शंभू साह, सुरेश मिस्त्री, मो० तौसीफ राजा, बबलू शर्मा, शंभू सादा, अमर राम, डॉ० अतहर अली, सुनील यादव, टुनटुन यादव, अरुण यादव, दिलीप शर्मा, कैलाश शर्मा, ललन मेहता, रामदेव भगत, बिंदु शर्मा, उर्मिला देवी, नीलम देवी, विलास पासवान, अनिल मेहता, मिथिलेश मेहता, बेचन राम, सुरेश यादव, कृष्ण मोहन यादव, सदानंद यादव, दयानंद यादव आदि उपस्थित थे।

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