स्वास्थ्य

गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लगे टीके

 रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए लगाए जाते हैं टीके ग‌र्भवती और धात्री महिलाओं को भी दी गयी जानकारी 

बांका,  20 अगस्त: 

बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए सरकार टीकाकरण अभियान चलाती है. हर सप्ताह के बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों व सामुदायिक भवन पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीके लगाये जाते हैं, लेकिन इस बार गुरुवार को भी बौसी प्रखंड के दलिया गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीके दिए गए.   दलिया गांव के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 22 पर 3 बच्चों और 13 गर्भवती महिलाओं को गुरुवार को टीके लगाए गए. एएनएम पूनम कुमारी ने बताया इस दौरान बच्चों को बीसीजी, डीपीटी, पेंटा 1, पेंटा 2, पेंटा 3 के टीके लगाये गये. स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं  एवं बच्चों को स्वच्छता के बारे में बताया गया. टीका लगवाने आई पूजा कुमारी ने कहा कि बुधवार को वह नहीं हीं आ सकी थी. जब एएनएम ने यह संदेश भिजवाया कि गुरुवार को भी टीके लगाए जाएंगे तो वह यहां आ गयी. इस दौरान हमलोगों को बीमारी से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई. वहीं रूपा कुमारी ने बताया कि उन्हें बुधवार को भी आने के लिए कहा गया था, लेकिन नहीं आ सके थे. आंगनबाड़ी केंद्र के लोगों ने आकर बताया तो टीका लगवाने आ गए. वहीं डॉली कुमारी ने बताया कि उन्हें जब जानकारी मिली कि आज टीकाकरण होना है तो वह सब काम छोड़कर टीका लगवाने के लिए आई. इसलिए जरूरी है टीकाकरण: टीकाकरण का तत्काल लाभ है व्यक्ति की प्रतिरक्षा. यह किसी रोग के खिलाफ दीर्घकालिक, कभी-कभी जीवन भर सुरक्षा प्रदान करता है. शुरुआती बाल्यावस्था प्रतिरक्षा अनुसूची में अनुशंसित टीके बच्चों को खसरा, चेचक, न्यूमोकोकल रोग और अन्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं. बच्चे ज्यों-ज्यों बड़े होते जाते हैं, अतिरिक्त टीके उन्हें उन रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं जो किशोरों और वयस्कों को प्रभावित करते हैं. साथ ही उन रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं जो दूसरे क्षेत्रों में यात्रा करने के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं. टीके से बच्चों की होती है सुरक्षा: टीका एक जीवनरक्षक है जो बच्चे का रक्षा कवच बनकर उसके जीवन की सुरक्षा करता है. टीका बच्चे के शरीर को संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है, ताकि नवजात शिशु को कोई भी संक्रामक रोग छू न सकें.  कई जानलेवा रोगों की रोकथाम में टीकाकरण एक प्रभावी प्रक्रिया  है. नियमित टीकाकरण से कई तरह की बीमारियों से होता है बचाव:  शिशुओं व गर्भवती महिलाओं को नियमित प्ररिराक्षण  कई तरह की बीमारियों से बचाता है. साथ ही टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है ताकि उनके रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके. बीमारियां जैसे खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलाघोंटू, काली खांसी व हेपेटाइटिस बी आदि बीमारियों से यह बच्चों की सुरक्षा करता है

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