Non-Basmati Rice Export पर बैन से दुनिया में मची हलचल, भारत सरकार ने क्यों उठाया ये कदम
20 जुलाई को भारत सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जिससे दुनिया भर में खलबली मच गई।
यह निर्णय बासमती किस्म के अलावा अन्य सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए था। इस फैसले के बाद दुनिया भर के बड़े संगठनों को वैश्विक महंगाई का डर सताने लगा। आज जानिए की आखिर क्यों भारत ने चावल के प्रतिबंध का फैसला लिया और दुनिया में क्यों हलचल मची है। 20 जुलाई को भारत सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जिससे पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है। वो फैसला था गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना। इस फैसले के बाद से दुनिया भर के बड़े संगठन को ग्लोबल मुद्रास्फीती का डर सता रहा है। पिछले कुछ दिनों में, चावल का स्टॉक करने के लिए अमेरिकी और कनाडाई दुकानों में कतार में लगे एनआरआई के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि एनआरआई भारत से चावल के बैग अपने साथ वापस ले जा रहे हैं। तो आखिर भारत के इस एक फैसला से दुनिया में इतना हलचल क्यों है और चावल को लेकर विदेशों में हो क्या रहा है।
भारत ने क्यों लगाया है प्रतिबंध?
सबसे पहले जानिए आखिर भारत ने गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध क्यों लगाया है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने प्रतिबंध का फैसला घरेलू मजबूरियों को देखते हुए लिया था।
दरअसल देर से आई मॉनसून और भारी बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया है, जिससे पूरे भारत में चावल की कीमतें बढ़ गई हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार ने मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
भारत के फैसले से दुनिया में खलबली क्यों?
अब आप सोच रहे होंगे चलो ठीक है भारत ने अपने देश में महंगाई को कंट्रोल करने के लिए यह कदम उठाया तो आखिर इस कदम से दुनिया में हलचल क्यों है तो आपको बता दें कि भारत दुनिया में चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है और वास्तव में दुनिया के चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। स्वाभाविक है कि इतने बड़े निर्यातक का चावल के निर्यात को बैन करने का फैसला खलबली मचाने वाला है।
कनाडा और यूएस में लोगों के बीच घबराहट
भारत के इस फैसले के बाद कनाडा और यूएस से ऐसी रिपोर्ट आ रही है कि एनआरआई विशेषकर तेलुगु समुदाय के लोगों के बीच घबराहट है और वो चवाल की खरीदारी कर उसे स्टॉक कर रहे हैं। ट्विटर पर एक वीडियो के मुताबिक, डलास, टेक्सास से, भारतीयों को सुपरमार्केट और दुकानों में लगभग चावल के बैग जमा करते हुए देखा जा सकता है।