राज्य

कोरोना को लेकर सतर्कता के साथ महिलाओं और बच्चों को लगे टीके

रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए लगाए जाते हैं टीके

बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगाए जाते हैं टीके

बांका, 9 अक्टूबर

बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए सरकार टीकाकरण अभियान चलाती है. इसके लिए हर सप्ताह के बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्रों व सामुदायिक भवन पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं को टीके लगाये जाते हैं. इसके तहत शुक्रवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर कोरोना संक्रमण बचाव को लेकर सतर्कता के साथ बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए. कुछ जगहों पर लोगों के घरों में भी जाकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए. जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ योगेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि कोरोना काल में भी टीकाकरण सुरक्षित तरीके से चल रहा है. चुनाव का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंदर आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार और शुक्रवार को बच्चे को लेकर जाएं. वहां पूरी सतर्कता के साथ टीकाकरण चल रहा है.

आईसीडीएस के जिला समन्वयक शम्स तबरेज ने बताया कि कोरोना काल के बाद अब चुनाव का समय चल रहा है. इसके बावजूद टीकाकरण अभियान को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. इसे लेकर सारी तैयारी की गई है. आंगनबाड़ी केंद्रों को उनकी जरूरत के सामान को उपलब्ध कराया गया है. शुक्रवार को बांका सदर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 4 में भी बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए. यहां पर 6 बच्चों और 11 गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए गए. एएनएम सुनीता कुमारी ने बताया इस दौरान बच्चों को बीसीजी, डीपीटी, पेंटा 1, पेंटा 2, पेंटा 3 के टीके लगाये गये. स्वच्छ भारत मिशन के तहत महिलाओं एवं बच्चों को स्वच्छता के बारे में बताया गया. टीका लगवाने आई ममता देवी ने कहा हमलोगों को बीमारी से बचाव के बारे में भी जानकारी दी गई. साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषण किस तरह का हो इस बारे में बताया गया. सेविका ललिता कुमारी ने बताया कि मैंने गुरुवार को ही सभी को घर घर जाकर बता दिया था कि शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र पर आना है. जहां पर बच्चे और गर्भवती महिलाओं को टीके लगाए जाएंगे

इसलिए जरूरी है टीकाकरण: टीकाकरण का तत्काल लाभ है व्यक्ति की प्रतिरक्षा. यह किसी रोग के खिलाफ दीर्घकालिक, कभी-कभी जीवन भर सुरक्षा प्रदान करता है. शुरुआती बाल्यावस्था प्रतिरक्षा अनुसूची में अनुशंसित टीके बच्चों को खसरा, चेचक, न्यूमोकोकल रोग और अन्य बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं. बच्चे ज्यों-ज्यों बड़े होते जाते हैं, अतिरिक्त टीके उन्हें उन रोगों से सुरक्षा प्रदान करते हैं जो किशोरों और वयस्कों को प्रभावित करते हैं. साथ ही उन रोगों से भी सुरक्षा प्रदान करते हैं जो दूसरे क्षेत्रों में यात्रा करने के दौरान उत्पन्न हो सकते हैं.

टीके से बच्चों की होती है संक्रामक रोगों से सुरक्षा: टीका एक जीवनरक्षक है जो बच्चे का रक्षा कवच बनकर उसके जीवन की सुरक्षा करता है. टीका बच्चे के शरीर को संक्रामक रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है, ताकि नवजात शिशु को कोई भी संक्रामक रोग छू न सकें. कई जानलेवा रोगों की रोकथाम में टीकाकरण एक प्रभावी प्रक्रिया है.

नियमित टीकाकरण से कई तरह की बीमारियों से होता है बचाव: शिशुओं व गर्भवती महिलाओं को नियमित प्ररिराक्षण कई तरह की बीमारियों से बचाता है. साथ ही टीकाकरण से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाता है ताकि उनके रोग से लड़ने की क्षमता विकसित हो सके. बीमारियां जैसे खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलाघोंटू, काली खांसी व हेपेटाइटिस बी आदि बीमारियों से यह बच्चों की सुरक्षा करता है.

टीकाकरण के दौरान कोरोना को लेकर बरती जा रही है सतर्कता: के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण के दौरान कोरोना को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. टीका देने वाली एएनएम व सेविका और अन्य स्वास्थ्य कर्मी मास्क और ग्लव्स पहनी रहती हैं. साथ ही टीका दिलवाने के लिए आने वाले महिलाएं भी मास्क पहनी रहती है. आंगनबाड़ी केंद्र में उनका हाथ सैनिटाइज कराया जाता है.

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