राज्य

पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में  साढ़े पांच महीने की अतिकुपोषित बच्ची सुंदन कुमारी का चल रहा है इलाज 

– 29 जनवरी को एनआरसी में भर्ती के वक्त बच्ची नहीं कर पा रही थी मां का स्तनपान 

– सप्लीमेंट सकिंग टेक्नीक से ट्यूब के जरिये बच्ची को कराया गया मां का स्तनपान 

मुंगेर , 17 फरवरी-

सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में इन दिनों घोरघट, बरियारपुर से आई अति कुपोषित  बच्ची साढ़े पांच महीने की सुंदन कुमारी की सफल इलाज के साथ-साथ सही पोषण दी जा रही है। इसका परिणाम है कि जिस बच्ची का वजन एनआरसी में भर्ती होने के वक्त महज 2.9 किलोग्राम और लम्बाई 55 सेमी था वो अब बढ़कर लगभग 4 किलोग्राम हो गया है और लम्बाई में भी उसके अनुरूप वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही भर्ती के वक्त मां का स्तनपान करने में अक्षम बच्ची सुंदन कुमारी अब आसानी से मां का स्तनपान कर रही है। 

एनआरसी मुंगेर के नोडल ऑफिसर विकास कुमार ने बताया कि विगत 29 जनवरी  को बाल विकास परियोजना बरियारपुर के करहरिया पंचायत पूर्वी घोरघट स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 96 की सेविका खुशबू कुमारी और लेडी सुपरवाइजर प्रीति कुमारी ने शिव कुमार सिंह और उनकी पत्नी काजल कुमारी की दूसरी बेटी साढ़े पांच महीने की अति कुपोषित बच्ची सुंदन कुमारी को एनआरसी में भर्ती कराया । एनआरसी में भर्ती के वक्त बच्ची का वजन काफी कम था और वो मां का स्तनपान भी नहीं कर पा रही थी। इसके के लिए सप्लीमेंट सकिंग टेक्नीक अप्लाई किया गया जिसके तहत एक ट्यूब की मदद से बच्ची को स्तनपान कराया गया। अब बच्ची आसानी से मां का स्तनपान कर रही है। उन्होंने बताया कि बच्ची सुंदन हाइपो ग्लेसिमिया नामक बीमारी से पीड़ित थी जिसमें बच्चे का ग्लूकोस लेवल काफी कम हो जाता है। 

एनआरसी मुंगेर की फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर रचना भारती ने बताया कि एनआरसी में भर्ती के वक्त बच्ची सुंदन अपनी मां का स्तनपान नहीं कर पा रही थी। हालांकि बच्ची के जन्म के दो से तीन घन्टे के अंदर बच्ची की मां 21 वर्षीय काजल कुमारी ने स्तनपान कराने का प्रयास किया था। इसके बाद एफ 100 डाल्युटेंट फीड का 35 एमएल प्रत्येक दो से तीन घन्टे में देना शुरू किया गया।  इसके बाद सप्लीमेंट सकिंग टेक्नीक अपनाया गया। इस टेक्नीक में कटोरी-चम्मच की जगह एक टयूब की मदद से बच्ची को मां का स्तनपान कराया गया। इसके साथ ही बच्ची को आयरन और कैल्सियम का टेबलेट खाने के साथ स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया गया। पांच से छह दिनों तक यह टेक्नीक इस्तेमाल करने के बाद अब बच्ची आसानी से स्तनपान कर पा रही है। अब 2 घन्टे के अंतराल को बढ़ा कर 3 से 4 घन्टे के अंतराल पर एफ100 डाइल्यूटेन्ट फीड दी जा रही है। बच्ची के वजन में भी अब काफी सुधार हुआ है। अब बच्ची का वजन 2.9 से बढ़कर लगभग 4 किलो हो गया है। 

बच्ची की मां 21 वर्षीय काजल कुमारी ने बताया कि सुंदन मेरी दूसरी बेटी है। जन्म से ही यह कुपोषण की शिकार हो गई। इसका हाथ और पैर काफी पतला-पतला था । इसके साथ ही इसका वजन भी बहुत कम था। इस सबके साथ जो सबसे बड़ी बात थी वो ये कि वो मेरा स्तनपान भी नही कर पा रही थी। इसके बाद मेरे करहरिया पूर्वी पंचायत की आंगनबाड़ी सेविका खुशबू कुमारी ने मुझे यहां पोषण पुर्नवास केंद्र में रहकर इलाज करवाने की सलाह दी और साथ आकर यहां भर्ती करवाया । अब मेरी बच्ची बिल्कुल ठीक है ।अब वो ठीक से स्तनपान भी कर रही और उसका वजन भी पहले की  तुलना में बढ़ा है। यहां मेरे और दोनों बच्चियों के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा-पूरा ख्याल रखा जा रहा है। यहां खाने -पीने के साथ-साथ दवाइयां भी मिल रही हैं।

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